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Showing posts from 2020

उम्मीद

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                      ◆ उम्मीद ◆                    लड़का मॉल में अपने काम की दो-तीन जींस बटोर कर शर्ट के स्टॉर की तरफ जा ही रहा था कि उसे परफ्यूम के स्टॉल पर बहुत ही जाना-पहचाना और सबसे पसंंदीदा चेहरा दिखा। क्षणभर को उसे लगा कि यह उसका भ्रम है लेकिन जल्दी ही ऐहसास हो गया कि सच में वही चेहरा है और वही लड़की है। अभी वह उधेड़बुन में ही था जाकर मिले या न मिले। कभी सोचता कि जाकर हालचाल पूछ आऊँ फिर सोचे कि क्यों व्यर्थ ही दिमाग खपाऊँ। इसी सोचने के दौरान लड़की की नजर पड़ गई। वह तो पहले की ही तरह बेधड़क थी बिना कुछ सोचे आ गई। उसे आते हुए देखकर लड़के ने मन में कहा, "बेड़ा गर्क।" "तुम यहाँ! कैसे हो?", लड़की ने आते ही कहा। "हाँ मैं यहाँ। कोई दिक्कत है क्या मेरे यहाँ होने से!", लड़के ने अनमना सा जबाब दिया। "मुझे क्यों दिक्कत होने लगी! यूँ ही पूछ दिया यार। ये बताओ कैसे हो?" "शर्ट लेने आया हूँ। तुम कैसी हो?", लड़के ने हमेशा की तरह "कैसे हो" वाला सवाल टाल दिया। "मैं भी परफ्यूम लेने आई हूँ।", इस बार ल...

चिट्ठी तुम्हारे लिए: भाग-दो

#चिट्ठी_तुम्हारे_लिए                           [भाग-दो] हे भाग्यशनि!                     जेठ की दुपहरी में, शीतल शरबत के समान, ढेर सारे प्यार के साथ यह दूसरी चिट्ठी लिख रहा हूँ। अब लगता है कि सालों पहले ही अंतिम बार बातें हुई थी। समय का कुछ अंदाजा ही नहीं है कि कितने मुद्दतों पहले शुरू हुई बातें कितने अरसों पहले ही खत्म हो गईं। हाँ वाकया सारा का सारा याद है, अक्षरशः। क्योंकि खत्म तो बातें हुई थी, रिश्ते इतनी भी जल्दी खत्म नहीं हो सकते। बातों की बातें चली हैं तो बताता चलूँ कि तुम जो शिकायतें किया करती थी कि मैं मिलता क्यों नहीं हूँ तो मैं कहा करता था न कि समाज की पाबंदी है। लेकिन अब तो इस कोरोना के चलते पुलिस के डंडे, बीमारी का डर और तबाही का अंदेशा भी है। प्रेम को पूजने वाले इस देश में प्रेम करना तो सभी चाहते हैं लेकिन करने देना कोई नहीं चाहता है। सुना है कि तुम्हारी शादी की भी बात चल रही है! अब झूठ हो या सच। लेकिन एक बात...

बदन पे सितारे लपेटे हुए

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#बातें_गीतों_की गीत:- बदन पे सितारे लपेटे हुए , गीतकार:- हसरत जयपुरी उर्फ इकबाल अहमद, संगीतकार:- शंकर-जयकिशन, गायक:- मोहम्मद रफी, फिल्म:- प्रिंस (1969) अभिनय:- शमशेर राज कपूर एवं वैजयंतीमाला,              विज्ञान एवं मानव तो सितारों के ईर्दगिर्द भी नहीं पहुँच सके हैं किन्तु एक कवि ही उन सितारों को, अपनी स्याही में घोलकर, वस्त्रों में मोतियों की भाँति जड़ कर नायिका को पहना सकते हैं। हसरत साहब इस गीत से प्रिंस फिल्म में वही कारनामा कर दिखाया। जिसमें उनका साथ निभाने में शंकर-जयकिशन, रफी साहब और शम्मी साहब ने कोई कसर नहीं छोड़ी। जहाँ राजकुमार शमशेर (शम्मी कपूर), राजकुमारी अमृता (वैजयंतीमाला) को, अपने जन्मदिवस पर आयोजित पार्टी में गाते हुए रिझाने का प्रयास करते है।               "बदन पे सितारे लपेटे हुए,        ओ जान-ए-तमन्ना किधर जा रही हो!          जरा पास आओ तो चैन आ जाए,           जरा पास आओ तो चैन आ जाए।" P.c.- youtube ...

ये जो मोहब्बत है

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#बातें_गीतों_की गीत:- ये जो मोहब्बत है गीतकार:- आनन्द बक्शी संगीतकार:- राहुल देव बर्मन  उर्फ  पंचम दा गायक:- किशोर कुमार फिल्म:- कटी पतंग (1971) अभिनय:- राजेश खन्ना              आनन्द बक्शीजी और पंचम दा दोनों ने करीब सौ गानों में प्राण फूँके हैं। उन्हीं रत्नों में से एक है "ये जो मोहब्बत है"। 'कटी पतंग' का यह गीत तब फिल्माया गया है जब कमल (राजेश खन्ना) की होने वाली दुल्हन मधु (आशा पारेख), शादी की ही रात अपने घर को छोड़ जाती है। बेचारा कमल के प्रेम में निराश होकर, सुरा के मद में गाता है। P.c.- youtube   "ये जो मोहब्बत है! ये उनका है काम,  अ रे! महबूब का जो लेते हुए नाम, मर जाएँ, मिट जाएँ, हो जाएँ बदनाम। रहने दो! छोड़ो! जाने भी दो यार। हम न करेंगे प्यार।" P.c.- wikipedia अगर हाल-फिलहाल में आपके दिल भी दिल के चिथड़े हुए हैं तो आपको कमल से सामीप्य का अनुभव होगा। यूँ तो साहित्य एवं कला की सफलता ही इसी में है कि पाठक, श्रोता अथवा दर्शक इससे स्वतः ही जुड़ जाएँ, जिसमें...