ये जो मोहब्बत है
#बातें_गीतों_की
गीत:- ये जो मोहब्बत है
गीतकार:- आनन्द बक्शी
संगीतकार:- राहुल देव बर्मन उर्फ पंचम दा
गायक:- किशोर कुमार
आनन्द बक्शीजी और पंचम दा दोनों ने करीब सौ गानों में प्राण फूँके हैं। उन्हीं रत्नों में से एक है "ये जो मोहब्बत है"। 'कटी पतंग' का यह गीत तब फिल्माया गया है जब कमल (राजेश खन्ना) की होने वाली दुल्हन मधु (आशा पारेख), शादी की ही रात अपने घर को छोड़ जाती है। बेचारा कमल के प्रेम में निराश होकर, सुरा के मद में गाता है।
गीत:- ये जो मोहब्बत है
गीतकार:- आनन्द बक्शी
संगीतकार:- राहुल देव बर्मन उर्फ पंचम दा
गायक:- किशोर कुमार
फिल्म:- कटी पतंग (1971)
अभिनय:- राजेश खन्नाआनन्द बक्शीजी और पंचम दा दोनों ने करीब सौ गानों में प्राण फूँके हैं। उन्हीं रत्नों में से एक है "ये जो मोहब्बत है"। 'कटी पतंग' का यह गीत तब फिल्माया गया है जब कमल (राजेश खन्ना) की होने वाली दुल्हन मधु (आशा पारेख), शादी की ही रात अपने घर को छोड़ जाती है। बेचारा कमल के प्रेम में निराश होकर, सुरा के मद में गाता है।
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"ये जो मोहब्बत है! ये उनका है काम,
अरे! महबूब का जो लेते हुए नाम,
मर जाएँ, मिट जाएँ, हो जाएँ बदनाम।
रहने दो! छोड़ो! जाने भी दो यार।
अगर हाल-फिलहाल में आपके दिल भी दिल के चिथड़े हुए हैं तो आपको कमल से सामीप्य का अनुभव होगा। यूँ तो साहित्य एवं कला की सफलता ही इसी में है कि पाठक, श्रोता अथवा दर्शक इससे स्वतः ही जुड़ जाएँ, जिसमें बक्शीजी, पंचम दा और किशोर दा ने लेशमात्र भी कटौती नहीं की है।
यदि लॉकडाउन में बैठे-लेटे हुए शरीर अथवा वेबसीरीज देखते हुए दिमाग तथा आँखों में आपको भी दर्द होने लगा है तो कुछ मत कीजिए। बस लगाईए "ये जो मोहब्बत है" और अपनी अधूरी मोहब्बत की यादों के आगोश में, थोड़ी सी खुशी, हल्की मुस्कान और थोड़े से आँसूओं के साथ, आँख मूँदकर आराम करिए।
यदि लॉकडाउन में बैठे-लेटे हुए शरीर अथवा वेबसीरीज देखते हुए दिमाग तथा आँखों में आपको भी दर्द होने लगा है तो कुछ मत कीजिए। बस लगाईए "ये जो मोहब्बत है" और अपनी अधूरी मोहब्बत की यादों के आगोश में, थोड़ी सी खुशी, हल्की मुस्कान और थोड़े से आँसूओं के साथ, आँख मूँदकर आराम करिए।
#गो_कोरोना_गो
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