लटकन फुदना - भाग-चार



"लटकन द्वारा उसकी एफिनीटी को लिखा गया अग्रिम वैलेंटाईन पत्र "

Dear ................
जब तुम हमको बातेबात में बताई थी ना कि हिन्दी बहुते पसंद है तुमको। तब हमको लगा था कि तुमसे हिन्दी में बात हो पाएगा। लेकिन तुम भी एकदम फकीरे हो ना , पसंद का कोई काम करना तुमको पसंदे नैय है। सभठो पोस्ट अंग्रेजिए में डालती हो, लाईको तीन चार सौ से बेसिए आता है। लेकिन हम को घंटा नैय तुम्हारा पोस्ट समझ में आता है। हाँ कभी कभी हिंग्लिश वाला पोस्ट समझ कर अंगूठा टीप देते हैं।
तुम पूछी थी ना कि क्या सब करते हैं हम पढ़ाई के अलावा। फेसबुक चलाते हैं जतन से। फलतुआ शायरी पोस्ट करते हैं महीना दिन तक ओकर नोटिफिकेशन चेक करते हैं। एक्को गो पर सौ गो लाईक आ जाए तो फेसबुकिया जीवन सफल हो जाए। लेकिन मैक्सिमम सैंतीस गो लाईक है। कभी कभी इंटलेक्चुअल बनने का कोशिश करते हुए राजनीति पर लिख लेते हैं।लेकिन शकलो कोनो चीज होता है।
हालांकि कभी तुमसे बात नैय हुई है (सपना में तो रोजे बात होती है।) फिर भी तुमको बता रहे हैं तुमको डेट पर ले जाना चाहते हैं पिज्जा हट। लेकिन ई महीना पैसा खरच हो गया अगला महीना पक्का ले जाएँगे गॉड प्रॉमिस। एगो और बात ई जो तुम डेली चिलगम चिबाते रहती हो सभठो दोस्त चिढ़ाता है कि भाभी बेंग का चमड़ा चिबाती रहती है। छोड़ दो खाना नैय खाओगी तो पेट नैय भरेगा। एकदम बच्चा वाला दिमाग है तुम्हारा। नाम नहीं लिखें हैं तुम्हारा क्योंकि पूछने की हिम्मत नहीं कर पाए हैं तुम खुद से खाली जगह में भर लेना। और तुम्हारा गोर पकड़ते हैं राहुल सर को ई लेटर मत दिखाना।plzzzzz
Happy Valentines Day
By:- शिवेश आनन्द

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